दोस्तों अगर आप भी सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी पढ़ना पसंद करते है तो ये पोस्ट सिर्फ आपके लिए है हम यहां पर सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी शेयर कर रहे है जो आपको जरूर पसंद आएगी. आईये पढ़ते है सच्चे मित्र की कहानी हिंदी मै.
सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी
सच्ची मित्रता की मिसाल
दोस्ती की शुरुआत
राजू और मोहन एक छोटे से गाँव में रहते थे। दोनों बचपन से बहुत अच्छे दोस्त थे। चाहे खेलना हो, स्कूल जाना हो, या गाँव के मेले में घूमना हो, दोनों हमेशा साथ रहते थे। उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि गाँव के लोग उनकी मिसाल दिया करते थे।
समय का इम्तिहान
समय बीतता गया, और दोनों बड़े हो गए। लेकिन किस्मत ने उनका रास्ता बदल दिया। राजू के पिता अमीर थे, जिससे उसे अच्छी शिक्षा और सुख-सुविधाएँ मिलीं। वहीं, मोहन गरीब था और उसे छोटी-मोटी नौकरी करनी पड़ी।
एक दिन, गाँव में एक व्यापारी आया और उसने राजू को शहर में नौकरी का प्रस्ताव दिया। राजू के पिता ने उसे शहर भेज दिया, और वहाँ जाकर वह अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गया। धीरे-धीरे, मोहन और राजू की बातचीत कम होने लगी।
सच्ची दोस्ती की पहचान
कुछ सालों बाद, राजू अपने गाँव लौटा। उसने देखा कि मोहन अभी भी गरीब था और संघर्ष कर रहा था। एक दिन, गाँव के लोगों ने राजू से कहा, “अब तुम अमीर हो गए हो, तुम्हें गरीब मोहन से दोस्ती नहीं रखनी चाहिए।”
राजू मुस्कुराया और बोला, “जो दोस्त बुरे समय में साथ देता है, वही असली दोस्त होता है। मोहन ने हमेशा मेरी मदद की थी, अब मेरी बारी है।”
राजू ने मोहन को अपने साथ शहर ले जाने का फैसला किया और उसे अपने साथ काम पर लगा लिया। कुछ ही समय में, मोहन भी अच्छी कमाई करने लगा और दोनों की दोस्ती पहले से भी मजबूत हो गई।
कहानी की सीख:
- सच्ची दोस्ती अमीरी-गरीबी से ऊपर होती है।
- सच्चा दोस्त वही होता है, जो किसी भी हाल में साथ न छोड़े।
- दोस्ती को बनाए रखने के लिए हमें भी दोस्त के लिए समय निकालना चाहिए।
क्या आपकी जिंदगी में भी कोई ऐसा दोस्त है जो हर मुश्किल समय में आपके साथ खड़ा रहता है? 😊
दोस्तों उम्मीद है आपको यह सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी पसंद आयी होंगी अगर आपकी हाँ है तो इस पोस्ट को आगे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें आपका बहुत बहुत धन्यवाद.