दोस्तों अगर आप भी मोटिवेशनल कहानी पढ़ना पसंद करते है तो ये पोस्ट सिर्फ आपके लिए है हम यहां पर Motivational Kahani In Hindi शेयर कर रहे है जो आपको जरूर पसंद आएगी. आईये पढ़ते है जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी हिंदी मै.
Motivational Kahani
सच्ची लगन और मेहनत की ताकत
गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। वह बहुत मेहनती और होशियार था, लेकिन उसका परिवार बहुत गरीब था। उसके माता-पिता खेतों में काम करते थे और मुश्किल से घर चला पाते थे। अर्जुन के सपने बड़े थे—वह एक दिन इंजीनियर बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पढ़ाई के लिए ज़रूरी साधन नहीं थे।
अर्जुन हर रोज़ सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाता, फिर घर आकर अपने माता-पिता के साथ खेतों में काम करता। रात में जब पूरा गांव सो जाता, तब वह लालटेन की हल्की रोशनी में पढ़ाई करता। उसे किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए वह गांव के एक बूढ़े शिक्षक से पुरानी किताबें उधार लेता था।
गांव के कुछ लोग अर्जुन का मज़ाक उड़ाते और कहते, “ग़रीबों के बच्चे ज़्यादा पढ़कर क्या करेंगे? खेत ही तो जोतना है!” लेकिन अर्जुन इन बातों को अनसुना करता और अपनी पढ़ाई में लगा रहता। उसके गुरुजी उसे हमेशा कहते, “संघर्ष जितना बड़ा होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी!”
अर्जुन ने अपनी स्कूल की परीक्षा बहुत अच्छे अंकों से पास की। अब उसे आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना था, लेकिन पैसे की समस्या थी। उसने हिम्मत नहीं हारी और एक चाय की दुकान पर काम करने लगा। सुबह कॉलेज जाता, दोपहर में चाय की दुकान पर काम करता और रात को पढ़ाई करता।
एक दिन उसने एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रवेश परीक्षा दी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। यह उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा झटका था। वह बहुत रोया, लेकिन फिर उसे अपने गुरुजी की बात याद आई—“हारने वाला नहीं, हार मानने वाला असली हारा होता है।” उसने ठान लिया कि अगली बार दोगुनी मेहनत करेगा।
अर्जुन ने अपनी गलतियों से सीखा और अगले साल फिर से परीक्षा दी। इस बार उसने पूरे राज्य में टॉप किया! जब गांववालों को यह खबर मिली, तो सभी हैरान रह गए। वही लोग जो उसे ताने मारते थे, अब उसकी तारीफ कर रहे थे।
उसकी मेहनत रंग लाई थी। उसे एक बड़ी यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला और साथ में छात्रवृत्ति भी। अब उसे काम करने की ज़रूरत नहीं थी, लेकिन वह फिर भी अपने परिवार को पैसे भेजता था। कुछ सालों बाद, अर्जुन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और एक बड़ी कंपनी में नौकरी पाई।
आज अर्जुन एक सफल इंजीनियर है और उसने अपने गांव में एक स्कूल बनवाया ताकि गरीब बच्चों को पढ़ने का मौका मिल सके। जब उसे अपने गांव में सम्मानित किया गया, तो उसने सिर्फ एक बात कही—“मेहनत और लगन से कोई भी सफलता पा सकता है। अगर मैं कर सकता हूँ, तो आप भी कर सकते हैं!”
उसकी कहानी यह सिखाती है कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है। असली जीत वही होती है जो संघर्ष के बाद मिलती है!
जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी
मेहनत का फल
रमेश एक छोटे से गाँव में रहता था। उसके पिता एक किसान थे, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। रमेश पढ़ाई में बहुत अच्छा था और उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा अफसर बने। लेकिन गरीबी के कारण उसकी पढ़ाई बीच में ही छूटने वाली थी।
रमेश ने हिम्मत नहीं हारी। वह सुबह स्कूल जाता और शाम को गाँव में दूध बेचता। रात में लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करता। उसके दोस्त मज़ाक उड़ाते, लेकिन उसे अपने लक्ष्य पर भरोसा था।
कई सालों की मेहनत के बाद रमेश ने सरकारी परीक्षा पास कर ली और अफसर बन गया। जब वह अपने गाँव लौटा, तो वही लोग जो उसका मज़ाक उड़ाते थे, अब उसकी तारीफ कर रहे थे। उसने गाँव में एक स्कूल बनवाया ताकि किसी और गरीब बच्चे की पढ़ाई अधूरी न रहे।
शिक्षा: मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। जो अपने लक्ष्य पर डटा रहता है, वही सफल होता है।
मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स
सच्ची ईमानदारी
एक बार एक गरीब लड़का राहुल अपने गाँव के बाजार में घूम रहा था। उसे सड़क पर एक बटुआ पड़ा मिला, जिसमें हज़ारों रुपये थे। वह बहुत गरीब था और उन पैसों से अपने घर की हालत सुधार सकता था, लेकिन उसकी माँ ने उसे हमेशा ईमानदारी का पाठ पढ़ाया था।
राहुल ने बटुए में रखे कागज़ात देखे और पता लगाया कि यह एक बूढ़े आदमी का था। वह तुरंत उनके घर गया और बटुआ लौटा दिया। बूढ़े व्यक्ति ने खुश होकर उसे इनाम देना चाहा, लेकिन राहुल ने मुस्कुराकर कहा, “ईमानदारी का इनाम मेरे दिल की शांति है!”
कुछ सालों बाद, वही बूढ़ा व्यक्ति एक स्कूल का प्रधानाचार्य निकला। जब राहुल कॉलेज की फीस भरने में असमर्थ था, तो उन्होंने उसकी मदद की। ईमानदारी का फल उसे जीवन में मिला।
शिक्षा: सच्चाई और ईमानदारी हमेशा लौटकर आती है। अच्छे कर्म कभी बेकार नहीं जाते।
मोटिवेशनल कहानी छोटी सी
असली दोस्त कौन?
एक बार दो दोस्त, अजय और विजय, जंगल से गुजर रहे थे। अचानक एक भालू उनके सामने आ गया। अजय डर के मारे पेड़ पर चढ़ गया और विजय को अकेला छोड़ दिया। विजय को बचने का कोई रास्ता नहीं दिखा, तो उसने ज़मीन पर गिरकर सांस रोक ली, जैसे वह मर चुका हो।
भालू ने उसे सूंघा और चला गया। जब खतरा टला, तो अजय नीचे आया और हँसते हुए बोला, “भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था?” विजय ने मुस्कुराकर कहा, “भालू ने कहा कि सच्चे दोस्त मुसीबत में साथ नहीं छोड़ते!”
अजय को अपनी गलती समझ आ गई और उसने माफी मांगी।
शिक्षा: सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में साथ खड़े रहते हैं।
जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी
सोच बदलो, जीवन बदलो
एक बार एक गरीब लड़का राकेश, जो एक मोची का बेटा था, हमेशा सोचता था कि वह बड़ा आदमी नहीं बन सकता। उसके दोस्त उसे हमेशा हतोत्साहित करते थे। लेकिन उसके गुरुजी ने उसे एक कागज़ दिया और कहा, “इस पर लिखो कि तुम क्या बनना चाहते हो?”
राकेश ने लिखा—“मैं एक सफल व्यापारी बनूँगा!”
गुरुजी बोले, “अब इसे हर दिन पढ़ो और इसे अपनी सोच में बिठा लो।”
राकेश ने यही किया। धीरे-धीरे उसने छोटी दुकान से काम शुरू किया, मेहनत की और कुछ सालों में एक बड़ी कंपनी का मालिक बन गया।
जब लोग उससे उसकी सफलता का राज पूछते, तो वह मुस्कुराकर कहता, “जो अपनी सोच बदल सकता है, वह अपना जीवन बदल सकता है!”
शिक्षा: इंसान की सोच ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। सकारात्म सोच से कुछ भी संभव है!
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